1 चट्टानों किस प्रकार की होती है।
1 आग्नेय चट्टानों (igneous rock)
यह पृथ्वी के गर्भ में स्थित गर्म तरल पदार्थ सतह पर या सतह के नजदीक ठंडा होने से बनी है। वह बहुत कड़ी रवेदार व दानेदार होती है इसमें परते नहीं होती है।इन में कोयला सिम नहीं मिलती उदाहरण ग्रेनाइट बैसाल्ट डोले राइट यह चट्टान में खानों में डाइट और सील के रूप में मिलती है।
2 तलछटी चट्टानें
ये अन्य प्रकार की चट्टानों के अंश टूटकर पानी में जमा होने से बनिन्हाई इसलिए ये कणदार होती है और कणों के बीच जोड़ने वाला मसाला होता है ये चट्टानें परत रूप में होती है । उदाहरण : सैंड स्टोन शेल लाइमस्टोन। कोयला सीम इन्हीं चट्टानों में मिलती है।
चट्टानों में मिलती हैं।
3. रूपांतरित चट्टानें (metamorphic rocks): ये धरती के अंदर अन्य
प्रकार की चट्टानों पर लम्बे समय तक ताप व दबाव के प्रभाव से उनके
बदले हुए रूप हैं। ये चट्टानें चिकनी, दानाविहीन होती हैं। उदाहरण : मार्बल
(संगमरमर जो लाइमस्टोन से बना है), स्लेट (जो शेल से बनी है),
क्वार्ट्ज़ाइट (जो सैंड स्टोन से बना है)। रूपांतरित चट्टानों में कोयला सीम
नहीं मिलती।
नोट-1. ऊपर के वर्णन से स्पष्ट है कि जिन चट्टानों में कोल सीम मिलती है, वे परतदार होती
हैं और सब जगह वे एक प्रकार की या एक मजबूती की हों, यह जरूरी नहीं है।
2. पृथ्वी की सतह पर मिलने वाली मिट्टी, कंकड़, मोरम और नदियों में मिलने
वाली बालू भी वास्तव में चट्टानों के ही अंश हैं जो टूटकर बारीक कणों में
बदल गए हैं।
3. कोलफील्ड में जमीन में मिट्टी, चिकनी मिट्टी, कंकड़, मोरम आदि की परतें
होती हैं, उनके नीचे विभिन्न मोटाई और विभिन्न कठोरता की सैंडस्टोन, शेल,
लाइमस्टोन की परतें होती हैं। कोयला सीमें इन्हीं विभिन्न प्रकार की तलछटी
चट्टानों के बीच मिलती हैं। जमीन की सतह के नजदीक चट्टानें प्रायः
कमजोर होती हैं।
2. कोयला कैसे बना ?
How coal was formed?'
के कारण पृथ्वी पर बड़े-बड़े
उत्तर : करोड़ों वर्ष पहले अत्यंत अनुकूल जलवायु
जंगल उगते थे। उस समय जमीन का धंसना, उठना चालू था जिससे पूरे के पूरे
जंगल गिर जाते थे और पेड़-पौधे पानी से बहकर नदी-घाटियों, झीलों व छिछले
सागरों में विशाल भंडार जमा हो जाते थे। उनके ऊपर जमा हुए मिट्टी-पत्थरों के
दबाव से, जमीन के ताप से और सूक्ष्म जीवाणुओं की क्रिया से पेड़-पौधों का जमा
मलबा करोड़ों वर्षों में क्रमशः पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस कोयले और ऐंथ्रासाइट
कोयले में बदल गया। मिट्टी-पत्थर कड़े होकर चट्टानों में बदल गए।
कुछ जगहों में ऐसे क्रम कई बार होने के कारण एक के ऊपर एक कोयले की
कई सीम बन गईं।
3. भारत में किस प्रकार का कोयला मिलता है
What type of coal is found in India?
उत्तर : पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस कोयला और ऐंथ्रासाइट- सभी कोयले के
रूप हैं। भारत का 99 प्रतिशत कोयला बिटुमिनस कोयला है। शेष 1 प्रतिशत
लिग्नाइट है जो तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात और कश्मीर में सीमित मात्रा में
मिलता है। ramomso)
4. कोयला खानों में कौन सी मुख्य भू-तात्त्विक बाधाएं मिलती हैं ?
What are the main geological disturbances found in coal
mines?
उत्तर : कोयला खानों में निम्नलिखित प्रकार की भूतात्त्विक बाधाएं मिलती हैं :
1. डाइक (dyke)
2. सिल (sill)
3. फाल्ट (fault)
4. वाशआउट (washout)
5. रोल (roll)
6. फोल्ड (fold)
7. पॉट होल (pothole)
8. सीम स्पिलिटिंग (splitting of seam)
5. डाइक किसे कहते हैं ? उसका क्या प्रभाव होता है?
What is a dyke? What is its effect?
उत्तर : परतदार चट्टानों को चीरती हुई दीवार की तरह खड़ी आग्नेय चट्टान को
डाइक कहते हैं। पृथ्वी में उथल-पुथल के समय भूगर्भ का गरम तरल पदार्थ
कमजोर भागों को तोड़कर जब।
ऊपर आता है तो परतदार चट्टानों
में ठंडा होने पर डाइक बन जाता
है। वह सरफेस भी पहुंच सकता
है। उसकी मोटाई कुछ सेंटीमीटर
से 20 m से अधिक व लम्बाई
किलोमीटर तक हो सकती है।
डाइक पत्थर (डोलेराइट या
माइका पेरिडोटाइट) बहुत ही
कड़ा होता है। ड्रिलिंग ब्लास्टिंग
चित्र: डाइक
में कठिनाई होती है। मशीन
(यह डाइक सरफेस तक पहुंच गया है)
कटानी नहीं हो सकती।
डाइक आसपास के कोयले को जला देता है या झामा (jhama) बना देता है।
डाइक के पास चाल बहुत खराब मिलती है। पानी और गैस भी मिल सकते हैं।
डाइक से फेस प्रोग्रेस अचानक रूक जाती है।
काल साम
काल साम
6. सिल किसे कहते हैं ? उससे क्या हानि होती है?
What is a sill? What harm does it cause?
उत्तर : परतदार चट्टानों में परतों के
जमीन
समानांतर चादर की तरह फैली।
सिल
आग्नेय चट्टान को सिल (sill)
कहते हैं। वह कुछ सेंटीमीटर से कई
मीटर मोटी और कड़े पत्थर
(डोलेराइट या माइका पेरिडोटाइट)
की बनी होती है। वह कहीं न कहीं
डाइक
डाइक से जुड़ी होती है जिससे होकर
चित्र: सिल
उसका गरम माल पृथ्वी के गर्भ से
(इस सिल से जुड़ा डाइक सरफेस तक
आकर फैला होगा।
हानि : 1. सिल कोयला सीम की कुछ या पूरी मोटाई जला देती है या उसे झामा बना
देती है। प्रभाव इस पर निर्भर करता है कि वह सीम के कितने पास और कितनी
मोटी है।
2. सिल सीम की रूफ में हो तो डीपिलरिंग करते समय चाल जल्दी नहीं गिरती।
लम्बी-चौड़ी टंगी हुई चाल जब अचानक गिरती है तो एअर-ब्लास्ट हो सकता
नहीं पहुंचा है।)
1 आग्नेय चट्टानों (igneous rock)
यह पृथ्वी के गर्भ में स्थित गर्म तरल पदार्थ सतह पर या सतह के नजदीक ठंडा होने से बनी है। वह बहुत कड़ी रवेदार व दानेदार होती है इसमें परते नहीं होती है।इन में कोयला सिम नहीं मिलती उदाहरण ग्रेनाइट बैसाल्ट डोले राइट यह चट्टान में खानों में डाइट और सील के रूप में मिलती है।
2 तलछटी चट्टानें
ये अन्य प्रकार की चट्टानों के अंश टूटकर पानी में जमा होने से बनिन्हाई इसलिए ये कणदार होती है और कणों के बीच जोड़ने वाला मसाला होता है ये चट्टानें परत रूप में होती है । उदाहरण : सैंड स्टोन शेल लाइमस्टोन। कोयला सीम इन्हीं चट्टानों में मिलती है।
चट्टानों में मिलती हैं।
3. रूपांतरित चट्टानें (metamorphic rocks): ये धरती के अंदर अन्य
प्रकार की चट्टानों पर लम्बे समय तक ताप व दबाव के प्रभाव से उनके
बदले हुए रूप हैं। ये चट्टानें चिकनी, दानाविहीन होती हैं। उदाहरण : मार्बल
(संगमरमर जो लाइमस्टोन से बना है), स्लेट (जो शेल से बनी है),
क्वार्ट्ज़ाइट (जो सैंड स्टोन से बना है)। रूपांतरित चट्टानों में कोयला सीम
नहीं मिलती।
नोट-1. ऊपर के वर्णन से स्पष्ट है कि जिन चट्टानों में कोल सीम मिलती है, वे परतदार होती
हैं और सब जगह वे एक प्रकार की या एक मजबूती की हों, यह जरूरी नहीं है।
2. पृथ्वी की सतह पर मिलने वाली मिट्टी, कंकड़, मोरम और नदियों में मिलने
वाली बालू भी वास्तव में चट्टानों के ही अंश हैं जो टूटकर बारीक कणों में
बदल गए हैं।
3. कोलफील्ड में जमीन में मिट्टी, चिकनी मिट्टी, कंकड़, मोरम आदि की परतें
होती हैं, उनके नीचे विभिन्न मोटाई और विभिन्न कठोरता की सैंडस्टोन, शेल,
लाइमस्टोन की परतें होती हैं। कोयला सीमें इन्हीं विभिन्न प्रकार की तलछटी
चट्टानों के बीच मिलती हैं। जमीन की सतह के नजदीक चट्टानें प्रायः
कमजोर होती हैं।
2. कोयला कैसे बना ?
How coal was formed?'
के कारण पृथ्वी पर बड़े-बड़े
उत्तर : करोड़ों वर्ष पहले अत्यंत अनुकूल जलवायु
जंगल उगते थे। उस समय जमीन का धंसना, उठना चालू था जिससे पूरे के पूरे
जंगल गिर जाते थे और पेड़-पौधे पानी से बहकर नदी-घाटियों, झीलों व छिछले
सागरों में विशाल भंडार जमा हो जाते थे। उनके ऊपर जमा हुए मिट्टी-पत्थरों के
दबाव से, जमीन के ताप से और सूक्ष्म जीवाणुओं की क्रिया से पेड़-पौधों का जमा
मलबा करोड़ों वर्षों में क्रमशः पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस कोयले और ऐंथ्रासाइट
कोयले में बदल गया। मिट्टी-पत्थर कड़े होकर चट्टानों में बदल गए।
कुछ जगहों में ऐसे क्रम कई बार होने के कारण एक के ऊपर एक कोयले की
कई सीम बन गईं।
3. भारत में किस प्रकार का कोयला मिलता है
What type of coal is found in India?
उत्तर : पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस कोयला और ऐंथ्रासाइट- सभी कोयले के
रूप हैं। भारत का 99 प्रतिशत कोयला बिटुमिनस कोयला है। शेष 1 प्रतिशत
लिग्नाइट है जो तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात और कश्मीर में सीमित मात्रा में
मिलता है। ramomso)
4. कोयला खानों में कौन सी मुख्य भू-तात्त्विक बाधाएं मिलती हैं ?
What are the main geological disturbances found in coal
mines?
उत्तर : कोयला खानों में निम्नलिखित प्रकार की भूतात्त्विक बाधाएं मिलती हैं :
1. डाइक (dyke)
2. सिल (sill)
3. फाल्ट (fault)
4. वाशआउट (washout)
5. रोल (roll)
6. फोल्ड (fold)
7. पॉट होल (pothole)
8. सीम स्पिलिटिंग (splitting of seam)
5. डाइक किसे कहते हैं ? उसका क्या प्रभाव होता है?
What is a dyke? What is its effect?
उत्तर : परतदार चट्टानों को चीरती हुई दीवार की तरह खड़ी आग्नेय चट्टान को
डाइक कहते हैं। पृथ्वी में उथल-पुथल के समय भूगर्भ का गरम तरल पदार्थ
कमजोर भागों को तोड़कर जब।
ऊपर आता है तो परतदार चट्टानों
में ठंडा होने पर डाइक बन जाता
है। वह सरफेस भी पहुंच सकता
है। उसकी मोटाई कुछ सेंटीमीटर
से 20 m से अधिक व लम्बाई
किलोमीटर तक हो सकती है।
डाइक पत्थर (डोलेराइट या
माइका पेरिडोटाइट) बहुत ही
कड़ा होता है। ड्रिलिंग ब्लास्टिंग
चित्र: डाइक
में कठिनाई होती है। मशीन
(यह डाइक सरफेस तक पहुंच गया है)
कटानी नहीं हो सकती।
डाइक आसपास के कोयले को जला देता है या झामा (jhama) बना देता है।
डाइक के पास चाल बहुत खराब मिलती है। पानी और गैस भी मिल सकते हैं।
डाइक से फेस प्रोग्रेस अचानक रूक जाती है।
काल साम
काल साम
6. सिल किसे कहते हैं ? उससे क्या हानि होती है?
What is a sill? What harm does it cause?
उत्तर : परतदार चट्टानों में परतों के
जमीन
समानांतर चादर की तरह फैली।
सिल
आग्नेय चट्टान को सिल (sill)
कहते हैं। वह कुछ सेंटीमीटर से कई
मीटर मोटी और कड़े पत्थर
(डोलेराइट या माइका पेरिडोटाइट)
की बनी होती है। वह कहीं न कहीं
डाइक
डाइक से जुड़ी होती है जिससे होकर
चित्र: सिल
उसका गरम माल पृथ्वी के गर्भ से
(इस सिल से जुड़ा डाइक सरफेस तक
आकर फैला होगा।
हानि : 1. सिल कोयला सीम की कुछ या पूरी मोटाई जला देती है या उसे झामा बना
देती है। प्रभाव इस पर निर्भर करता है कि वह सीम के कितने पास और कितनी
मोटी है।
2. सिल सीम की रूफ में हो तो डीपिलरिंग करते समय चाल जल्दी नहीं गिरती।
लम्बी-चौड़ी टंगी हुई चाल जब अचानक गिरती है तो एअर-ब्लास्ट हो सकता
नहीं पहुंचा है।)
३ फाल्ट और डाईक की तरह सिल के निकट भी पानी या गैस कम-बेस मात्रा में मिलते है ।
7. फास्ट किसे कहते हैं फाल्ट प्लेन और फाल्ट थ्रो क्या होता हैं ?
7. फास्ट किसे कहते हैं फाल्ट प्लेन और फाल्ट थ्रो क्या होता हैं ?
उत्तर ८ पृथ्वी की अंदरूनी हलचल से जब कोयले की सीम या पत्थर के स्तर टूटकर टूटा हुआ भाग ऊपर या नीचे घसक जाता है या दूर हट जाता है, तो उसे फाल्ट कहतेहैं। जहाँ टूट आती हैं उसे फाल्ट प्लेन
कहते हैं । कभी कमी सामान्य बोलचाल में फाल्ट प्लेन को ही फाल्ट कहते हैं । टूटा स्तर जितने मीटर ऊपर या नीचे चला जाता है; उसे उस फाल्ट का थ्रो कहते हैं । किसी सीम मॅ फाल्ट का थ्रो 10 m है का अर्थ है किसी फाल्ट प्लेन के दोनों ओर केभाग जो पहले एक लेवल में थे, अब एक दूसरे से 10m ऊपर-नीचेहैं।
कहते हैं । कभी कमी सामान्य बोलचाल में फाल्ट प्लेन को ही फाल्ट कहते हैं । टूटा स्तर जितने मीटर ऊपर या नीचे चला जाता है; उसे उस फाल्ट का थ्रो कहते हैं । किसी सीम मॅ फाल्ट का थ्रो 10 m है का अर्थ है किसी फाल्ट प्लेन के दोनों ओर केभाग जो पहले एक लेवल में थे, अब एक दूसरे से 10m ऊपर-नीचेहैं।
8. फाल्ट किस किस प्रकार के होते हैं ?
उत्तर ८ फाल्ट तीन प्रकार के होते हैं
उत्तर ८ फाल्ट तीन प्रकार के होते हैं
साधारण फाल्ट, रिवर्स फाल्ट, ट्रांसकोंट फाल्ट
1. साधारण फाल्ट जब कोयला सीम टूटकर एक भाग साधारण रूप से ऊपर या नीचे चला गया है तब उसे साधारण फाल्ट कहते हैं । कोलफील्ड मैं प्राय: ऐसै ही फास्ट मिलते है ।
2॰ रिवर्स फाल्ट : फाल्ट से टूटी सीम के एक तरफ का भाग दूसरे के नीचे या ऊपर चला गया हो ( ओवरलैप हो गया हो) तो उसे रिवर्स फास्ट कहते है ।
Comments
Post a Comment